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" तू पुछ सकता है क्यों की तुझे हक है ,बुझदिलो को आज भी अपने जमीर पर शक है ।"

३५ लाख की टट्टी योजना

३५ लाख का टॉयलेट टट्टी करने के लिए बनाती है हमारी योजना आयोग समिति और आमआदमी को २८ रुपये में आमिर बनाती है हमारी योजना समिति.... कमाल की है इनकी योजनाये भी और इनकी योजना पर क्या कहते है लोग ये भी सुनो ...बड़ा दिलचस्प है यार ....


बड़े बड़े आवेगों को शांत करने में.....अब नहीं करना पड़ेगा वेट
इस्तेमाल करें..पैंतीस लाख में बना योजना आयोग का टायलेट



हमें पूरा संदेह है कि पैंतीस लाख वाला ..नो टालरेंस ज़ोन ..का निर्माण के पीछे सरकार का कोई न कोई उर्ज़ा उत्पादन का योजना है , सरकार समझ रही है कि ऊ नो टालरेंस ज़ोन में जितना बिख पादा जाएगा उससे तो अच्छा खासा एक ठो काली हवा परमाणु उर्ज़ा संयत्र स्थापित किया जा सकता है ..सरकार दूरदर्शी है , मानना ही पडेगा आपको

     " है ना कमाल के जवाब ...अब हसना छोड़ो और सोचो की क्या ये आपके साथ सही हो रहा है ...जो योजना आयोग अपने पेशाब खाने की सजावट के पीछे ३५ लाख खर्च कर सकती है उसका असली खर्चा कितना होगा और ऐसी ऐयाश योजना आयोग समिति क्या लोगो की गरीबी को अच्छी तरह से जान सकेगी कभी ? क्या ये सरकार जनता की परेशानी को कभी समज सकेगी ? "

        " मीरा का विदेश दौरा ...सोनिया की विदेश यात्रा १८८० करोड़ .... प्रतिभा पाटिल की गोवा यात्रा ३५ लाख ....कभी १,७६ हजार करोड़ का २ जी ..तो कभी ४००० हजार करोड़ का कोमनवेल्थ ... मधु कोड़ा  ४००० हजार करोड़ का तो कोयला घोटाला : १० लाख करोड़ का ...क्या जबरदस्त तरक्की कर रहे है हम ...सच में कांग्रेस के हाथ को हमने बड़ा ही मजबूत कर दिया है ..जो रोज हमारा ही गला घोंट रहा है ..कुछ आवाज उठाओ तो संविधान का अपमान कहेकर चिल्लाते है ये लोग मगर अगर हम ऐसे ही चुप चाप बैठे रहे तो एक दिन ये सरकार हमारी लंगोट भी खिंच लेगी ..इन लोगो की ऐसो आराम की जिन्दगी तो देखो ...जहाँ देश में गरीब भूखे मर रहे है वही पर उन लोगो के लिए कोई अच्छी योजना बनाना तो दूर मगर खुद के लिए ३५ लाख की टट्टी योजना बनायीं |"

    " ३५ लाख की टट्टी योजना बनायीं तो बनायीं मगर महेरबानी करके टीशु पेपर की जगह १००० की नोट का इस्तेमाल मत करना भाई ..वर्ना गांधीजी जो १००० की नोट पर बैठ है वो डंडा मारेंगे ...आप सबको बता दू की भारत की योजना आयोग समिति का प्रमुख होते है देश के "प्रधानमंत्री " और उनके दस्तखत के बिना योजना आयोग की पुंगी कभी भी नहीं बजती है | "

अब पढ़िए पाठक क्या कहते है ३५ लाख के टॉयलेट के बारे में ..हस्ते रहे जाओगे जनाब ......और हाँ आप भी कुछ कहियेगा जरूर
  • Shivmohan Jha kya idea hai sirji, aage ki soch

  • Neeraj Vats idea achha hai...


  • Gyan Dutt Pandey वहां हल्का म्यूजिक तो बजता होगा न - आपान वायु की बेसुरी आवाज को दबाने के लिये।


  • अजय कुमार झा हां हां काहे नय सर हमको तो टेक्नोलाजी पे इत्ता यकीन है कि कि काला हवा से ही आवाज घटाने बढाने का भोलुम भी सेट किया जा सकता होगा साईत ..पैंतीस लाख में तो हो ना चाहिए


  • अमित मिश्रा कम से कम एक अच्छा खासा हग्नि मिसाइल तो बन ही जाएगा । दो महिना मलगोला और मलबारूद जमा करिए फिर दागिए पाकिस्तान पर रावलपिँडी साफ ।


  • अजय कुमार झा हा हा हा हा अमित भाई का बिलू प्रिंट एकदम अप्रूव्ड है समझिए तो


  • अमित मिश्रा साधुवाद सर जी
    हमारा ब्लु प्रिँट अप्रुभ करने के लिए ।


  • Guddo Dadi क्या पैंतीस लाख वाली शौचालय का कवर बंद होता है पानी से अपने आप बहाव होता है शौच के बाद |क्या उसमे टॉयलेट पर बोठने के स्वचलित कवर है ?


  • अमित मिश्रा हग्नि मिसाइल का परीछण भी करने की भी जरुरत नहीँ । दु दु महिना बाद लोड करिए अ दाग दीजिए । अगर नहीँ फटा तो भी कोई चिँता नही धुँआ तो देबे करेगा । जहरीली गैस से ही मर जाएंगे आतंकवादी सब।

  • Padm Singh हा हा हा हग्नि मिसाइल :)

हा हा हा ...मजा आया ना ..अब आप भी कुछ कहिये जनाब और सोचिये की क्या गलत है और क्या सही है ....याद रहे इस देश की मीडिया भी इस सरकार के इशारे पर चलती है |

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जल्द आ रही है पोस्ट

चुनाव आयोग गुनहगार है

" क्यू कहा चुनाव आयोग गुनहगार है ? ये आप खुद ही पढ़िएगा इस ब्लॉग मे आनेवाली अगली पोस्ट मे ..... अगर आपके पास इस पोस्ट के बारे मे है कोई सुजाव तो हमे लिख भेजिये "

- आम आदमी

संविधान आखिर हम पर ही क्यू ?

कौन जानता है की इस देश का संविधान क्या है ? नेता लोग हमे ही संविधान की दुहाई देते है क्या इस देश का संविधान सिर्फ आम आदमी के लिए ही है ? नेता के लिए नहीं ?

why this ?

देश के चलन में शहीदों की जगह "क्रोस" का निशान क्यों ? अपने मंत्रियो से पूछिए की उन्होंने ५ साल में आपके लिए क्या किया ? क्यों की ये नेता " समाज सेवा " भूल गए है तो सिर्फ हमारी नींद की वजह से ... आप पूछ सकते है आप दाता है ..आप मालिक है इस देश के ..पूछिये